भारत की राष्ट्रपति ने मिजोरम विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया
राष्ट्रपति भवन : 03.11.2022
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 3 नवंबर, 202 को आइजोल में मिजोरम विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। उन्होंने शिक्षा से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जिनमें मिजोरम विश्वविद्यालय और सइरांग, मौलपुई में शासकीय आइजोल महविद्यालय में एसटी बालिका छात्रावास और आइजोल में भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) का स्थाई परिसर और पछुंगा यूनिवर्सिटी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट अकादमिक ब्लॉक शामिल हैं।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मिजोरम विश्वविद्यालय, जिसने 2001 में कार्य करना शुरू किया था, आज पूर्वोत्तर क्षेत्र में गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करने वाला का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं जिसके परिणामस्वरूप विज्ञान, कला, वाणिज्य, इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। विश्वविद्यालय ने 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' का दर्जा प्राप्त किया है और कुछ अग्रणी पहल की हैं। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में मिजोरम विश्वविद्यालय द्वारा किया गया अवसंरचनात्मक विकास सराहनीय है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मिजोरम विश्वविद्यालय में छात्रों को नवीन और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तीन इन्क्यूबेटर हैं। विश्वविद्यालय ने विभिन्नप्रकार के शैक्षणिक और तकनीकी सहयोग के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों और संगठनों के साथ समझौताज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि इसने अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करने के रास्ते तलाशने और अकादमिक और तकनीकी क्षेत्रों में उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करने के लिए एक नए मानक तैयार किए हैं।
छात्रों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह उनके परिवार के सदस्यों के प्रयासों को याद करने औरआत्मसात करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्होंने उनकी पूरी यात्रा में उनका साथ दिया है। आपकी क्षमताओं की कोई सीमा नहीं है। इसलिए, आपको केवल अपनी क्षमता का एहसास करनाहै । आप अपनी प्रतिभा और क्षमता के सर्वश्रेष्ठ निर्णायक हैं। राष्ट्रपति ने उन्हें दुनियाकी खोज करने और नए प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने उनसे अशिक्षितों को शिक्षित करने और ज्ञान का प्रकाश फैलाने की जिम्मेदारी उठाने का भी आग्रह किया।
इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कि वर्ष 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में स्नातक छात्रों में लड़कियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है, राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा में महिलाओं की बढ़ती संख्या प्रशंसनीय है, लेकिन इसे और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी कार्यबल में भी बढ़ी हुई भागीदारी बने। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं तरक्की करती हैं तो पूरा देश तरक्की करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मिजोरम विश्वविद्यालय और सइरांग में दो एसटी बालिका छात्रावासों का उद्घाटन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अन्य सुविधाओं तक पहुंच उपलब्ध कराके छात्राओं को सशक्त करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि आईआईएमसी आइजोल के स्थायी परिसर के उद्घाटन से पूरे पूर्वोत्तर में मीडिया और जनसंचार अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।